Sunday, 20 October 2019

बिहारी हूं मैं

बिहारी हूं मैं,
इस बात का मुझे है गर्व।
हाँ उस धरती से हूं मैं,
जो धरती है गौतम बुद्ध की।
चंपारण का मैं लाल हूं,
जहाँ सत्याग्रह का नींव डला।
उस नालंदा का अंश हूं,
जो इस विश्व का गुरु बना।
मुझे फक्र है,
मैं बिहार में पैदा लिया।

हँस लेते हो तुम,
हमारी भेषभूषा को देख के,
हमारे भोलापन को,
तुमने मूर्ख का परिभाषा दिया।
हमे तो कुछ करने में शर्म नही किया,
पर आखिर क्यों तुम हमसे जलते हो।
रिक्शावाला भी बिहारी है,
और संसद में बैठा भी बिहारी है।
अधिकारी भी बिहारी है,
गर्व है मुझे बिहारी होने पे।

आखिर क्या समस्या है हमसे,
मजदूरी करता है बिहारी,
कानून व्यवस्था का रखवाला बिहारी,
संसद में दहाड़ता है बिहारी।
प्राइम टाइम दिखता रविश हो या आजतक पे शेवता।
अरे हमसे नफरत करनेवालो,
दिल्ली हम बिहारियो से चलती है।
हमे फक्र है ,
बिहारी होने पे।

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