Sunday, 20 October 2019

अगर चित्रकार होता


अगर चित्रकार होता तो उतार देता उनकी मुस्कान,
अपने दिल के कैनवास परl 
अगर छायाकार होता तो कर देता कैद उनकी सुंदरता,
अपने दिल के कैमरा में। 
कर देता शायरी उनकी जुल्फों को लेकर,
अगर होता मैं एक शायर। 
ना चित्रकार हू और न ही हू मैं शायर,
बस लिख रहा हू कुछ पंक्तियाँ इस परी की खूबसूरती को देख कर। 

हो गयी मुलाकात हमारी,
उनसे एक रोज। 
था ये मेरे भाग्य का योग,
या फिर महज एक संजोग।              
यु हम मिलते है बहुतों से हर रोज,
पर क्या किसी परी से होती है मुलाकात हर रोज?
यही होता है भाग्य का योग। 

चाँद से सुंदरता में तुलना करना,
होगी बडी बेमानी। 
इससे होगी उनकी बडी बदनामी,
चाँद भी भरता है आप के आगे पानी। 
सुंदरता में जिसका जवाब न हो,
वो लाजवाब है आप। 
मेरे हिसाब से मोहतरमा,
विश्व सुंदरी है आप। 
आप की बातें हो या शराराते या फिर हो हसी की दिलकश अदा,
कर देती ये सब चीज़े दूसरों से जुदा। 

अगर आप न करे एतराज,
तो हमें बना ले अपना हमराज़। 
हमे आप मिले या ना मिले,
हमें कोई गम नहीं। 
एक छोटी सी अरमा है अपने भी दिल में कही,
बस थोड़ी सी जगह चहिये एक दोस्त की तरह आप की दिल में हर घडी। 







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